कम्प्यूटर एक ऐसा
शब्द जो पूरी दुनिया में विख्यात है। कोई भी जगह नहीं
जहाँ कम्प्यूटर
का इस्तेमाल न किया जाता हो। आज हम इस पोस्ट में कम्प्यूटर के बारे में जानने की
कोशिश करेंगे कि कम्प्यूटर क्या है। कम्प्यूटर का फूल फार्म, कम्प्यूटर को
हिन्दी में क्या कहते है। कम्प्यूटर के जनक, भारत का पहला कम्प्यूटर, भारत में सुपर
कम्प्यूटर कब और कहाँ बना, आदि यह जानकारी बच्चों व अन्य सभी को जानना चाहिए क्योकि
कोई भी काम बिना कम्प्यूटर के नही होता है।
Computer Kya Hai । Computer Ke Prakar । कम्प्युटर के जनक । भारत का पहला कम्प्युटर
। कम्प्युटर की विशेषता । कम्प्युटर हिंदी
कम्प्यूटर क्या है -
कम्प्यूटर एक
मशीन है जो बड़े - बड़े कामों को कुछ सेकेण्ड में कर देती है। यह गणित और अन्य
कार्यो को बहुत तेज व बिना गलती के करती है। कम्प्यूटर एक ऐसा मशिन है जो मनुष्य
द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन करके उसे आउट पुट के रूप में प्रिंटर व अन्य
माध्यमो से प्राप्त होता है। यह डाटा को स्टोर रख सकता है। और उसे कभी भूलता नहीं
है। आज के समय में कम्प्यूटर का इस्तेमाल हर जगह किया जा रहा है।
कम्प्यूटर का फुल फार्म । कम्प्युटर को हिन्दी में क्या कहते हैं -
कम्प्यूटर का फुल
फार्म है – Common Operating Machine Purposely used for Technological and Educational research (कॉमन ऑपरेटिंग मशीन
पर्पसली यूज्ड फॉर टेक्नोलॉजिकल एंड एजुकेशनल रिसर्च) है। और इसका इस्तेमाल आमतौर
पर तकनीकी और शैक्षणिक कार्यों के लिए किया जाता है। हिन्दी में संगणक और अभिकलक
मंत्र कहते हैं जो सबसे पहले केवल गणित के जोड़ घटना के लिए किया जाता था।
कम्प्यूटर के जनक कौन है -
सबसे पहले कम्प्यूटर को चार्ल्स बैबेज ने बनाया था। जो एक महान आविष्कारक और इंजीनियर था। इसी को कम्प्यूटर का पिता कहते है।
भारत का पहला कम्प्यूटर -
भारत में
कम्प्यूटर को शुरूआत 1952 ई. में भारतीय सख्यिकी संस्थान कोलकाता में हुई थी। इसका
नाम सिद्धार्थ था। यह एक एनालोग कम्प्यूटर थी। लेकिन यह पूर्णत: भारत में विकसित
नही था। भारत में विकसित कम्प्यूटर 1966 में हुआ। उसका नाम ISIJU था। जो भारतीय साख्यिकी संस्थान व जादवपुर यूनिवर्सिटी ने
मिलकर बनाया था।
भारत का पहला सुपर कम्प्यूटर कब बना -
भारत का पहला
सुपर कम्प्यूटर 1991 में PARAM 8000 परम 7000 बनाया गया
था। संस्कृत भाषा मे परम का अर्थ है सर्वोच्च है। इसे विजय पी भाटकर ने भारत में
बनाया था। इसे उत्तर पूर्ण में बनाया गया था। 2008 तक भारत में 52 सुपर कम्प्यूटर
लगाया जा चुका है।
कम्प्यूटर की विशेषताए -
- कम्प्यूटर बहुत तेजी गति से कार्य करता है, यह जोड़ घटाना आदि को कुछ सेकेण्ड में हल कर सकता है।
- उसमे बहुत अधिक जानकारी को स्टोर कर रख सकते है।
- इसके द्वारा किये गये कार्य मे गलती ना के बराबर होती है।
- यह बिना थके लम्बे समय तक कार्य कर सकता है।
- इसमे पासवर्ड लगाकर दूसे सुरक्षित रख सकते हैं।
- कम्प्यूटर को मदद इसमे डाले गये प्रोग्राम इसे खुद से कार्य करने में सक्षम बनाती है।
इसे भी पढ़ें -
कम्प्युटर के प्रकार । Computer Ke Prakar –
अगर आप ये जानना चाहते हैं की कम्प्युटर के प्रकार, कितनें होते हैं तो मैं आपको बता दूँ की कम्प्युटर के मुख्यतः 3 पार्ट होते
हैं।
Digital Computer
Analog Computer
Hybrid Computer
इसके अलावा अगर हम कम्प्युटर के Size के हिसाब से इसके प्रकार की बात करें तो ये कुल चार प्रकार के होते हैं।
Micro Computer
Mini Computer
Mainframe Computer
Super Computer
निष्कर्ष –
आशा करता हूँ की आज के इस पोस्ट की टॉपिक Computer kise kahate hain, या फिर Computer Ke Prakar, आप सभी को जरूर पसंद आया होगा। आप सभी से अनुरोध है इस पोस्ट को अपनें दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।