प्रिय दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम
बच्चों के लिए Short Stories Hindi, को पढ़ेंगे यहाँ पर आपके बच्चों के लिए बहोत ही मजेदार
कहानियाँ लिखी गई है। जिसे पढ़ कर आपके बच्चे आनंदित होंगे और इस कहानी से बहोत कुछ
सीखेंगे।
Short Stories Hindi -
प्रिय दोस्तों यहाँ पर आप सभी को कई
तरह की मजेदार कहानियाँ पढ़ने को मिलेंगी।
सच्ची मित्रता -
एक समय की बात है एक छोटे से गांव में बहुत सारे बच्चे रहते थे। उनमें से एक नामी बच्ची थी
जिनका नाम रीता था। रीता बहुत ही जिद्दी थी और हमेशा चाहती थी कि उसके पास सभी
बच्चों से अधिक खिलौने हों।
एक दिन, रीता के माता - पिता ने उन्हें एक नया खिलौना दिया। यह एक छोटा सा प्यारा सा
गुब्बारा था। रीता बहुत खुश हुई और अपने सभी दोस्तों को दिखाने के लिए उसे ले आई।
जब वे गुब्बारा उड़ने लगा, रीता ने देखा कि उसका दोस्त
विक्रांत उसे देखकर चिढ़ा रहा था। विक्रांत बोला, "यह कौन सा खिलौना है? तू तो इसे केवल देखने के लिए ही रख
सकती है।
रीता को इस बात से बहुत दुख हुआ। वह चाहती थी कि उसके दोस्त उसे पसंद करें और
उसके साथ खेलें। रात को सोते समय रीता बहुत चिंतित थी और सोचने लगी कि कैसे उसे
अपने दोस्तों के दिल में जगह बना सकती है। अगले दिन, रीता ने अपने दोस्तों के पास गुब्बारा बहुत खुशी-खुशी बांट दिया। वह सभी दोस्त
गुब्बारे से खेलने लगे और आपस में उसके बारे में बातें करने लगे।
जैसे-जैसे समय बीतता गया, रीता के दोस्त उसे और भी अच्छी तरह
समझने लगे। उन्होंने देखा कि रीता एक सच्चे मित्र है और उसकी मदद करने के लिए
हमेशा तैयार रहती है। वे उसे एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानने लगे।
रीता ने यह देखा कि विक्रांत भी गुब्बारे से खेल रहा था। उसे अच्छा लगा कि
उसके दोस्त अब उसे स्वीकार कर रहे हैं। रीता को यह बात बहुत खुशी दे रही थी।
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जादुई छड़ी -
बहुत समय पहले की बात है, एक गरीब लड़का नाम राहुल गांव में
रहता था। वह एक बार जंगल में घूमने गया और वहां एक बूढ़े ब्राह्मण बाबा से मिला।
ब्राह्मण बाबा ने राहुल को एक जादुई छड़ी दी और कहा, "यह छड़ी तुझे जो भी विश करोगे, वह पूरा हो जाएगा। लेकिन याद रखना, यह छड़ी तुझे अच्छे कामों में ही इस्तेमाल करनी चाहिए।
राहुल बड़ी खुशी से घर वापस आया और छड़ी की शक्ति को परखने के लिए उसने सोचा, "मैं अपने गरीब माता-पिता को धनवान बना सकता हूँ। और जैसे ही उसने यह विचार
किया, उसके घर में सोने के सिक्के और मुद्राएं उभरने लगीं।
राहुल बहुत ही खुश हुआ और ब्राह्मण बाबा के पास जाकर धन्यवाद दिया। फिर उसने
सोचा, अब मैं गांव में सभी लोगों की मदद कर सकता हूँ। और उसने जादुई छड़ी को विश
किया कि सभी लोगों के लिए भोजन तैयार हो जाए। और अचानक उसके आस-पास खाद्य पदार्थ उभरने लगे और सभी लोग भोजन करने लगे।
राहुल बहुत ही खुश था कि उसने अपनी जादुई छड़ी की मदद से दूसरों की सहायता की।
उसने छड़ी को इस्तेमाल करते-करते अपने गांव को बहुत खुशहाल और समृद्ध बना दिया।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम अपनी शक्तियों का सही उपयोग करते हैं और दूसरों की मदद करते हैं, तो हम बहुत सारे अच्छे काम कर सकते हैं और खुशी का अनुभव कर सकते हैं।
बंदर और मेंढ़क -
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बंदर और एक मेंढ़क
रहते थे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक साथ खेलते रहते थे। उनकी मस्ती
और नाटकों से पूरा जंगल हंसी-मजाक में डूबा रहता था।
एक दिन जब बंदर और मेंढ़क खेल रहे थे, उन्हें एक पानी से भरी हुई बड़ी सी
गड्ढा मिली। वे देखते ही उसमें कूद गए और फंस गए। बंदर ने कहा अरे यह कैसे हो गया? हमें यहां से कैसे निकलना होगा?
मेंढ़क चिंतित हो गया और कहा अब हमें बड़ी समस्या हो गई है। हम
यहां फंस गए हैं और कोई हमारी मदद नहीं करेगा। बंदर ने उसे शांत करते हुए कहा दोस्त हमारे पास अकेले में भी बहुत ताकत है। हमें साथ मिलकर इस समस्या का सामना करना
चाहिए।
फिर बंदर और मेंढ़क मिलकर मेहनत से काम करने लगे। बंदर ने मेंढ़क के पीठ पर
कूदते हुए उसे ऊपर की ओर धकेला और मेंढ़क ने अपने पैरों की मदद से बचने की कोशिश की। उन्होंने मिलकर काम करते हुए अंत में गड्ढा से बाहर निकल आए।
जब वे बाहर निकले तो बंदर ने मेंढ़क को गले लगाया और कहा दोस्त तुमने बहुत बड़ी मेहनत की है और हमारे साथ एकता और सहयोग दिखाया है। हम दोनों मिलकर हर मुसीबत का सामना कर सकते हैं और हर कठिनाई को पार कर सकते हैं।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम एकजुट होकर साथ मिलकर काम करते हैं, तो हम हर मुश्किल को आसानी से पार कर सकते हैं और सभी समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
बूढ़ा नाले वाला कौवा -
एक समय की बात है, एक गांव में एक बूढ़ा कौवा रहता था। वह गांव के पास स्थित नाले पर रहता था और
वहां से खाने की वस्तुओं का इंतजाम करता था।
बूढ़े कौवे के पास गांव के बच्चे बहुत प्यार से आते और उसे खाने की वस्तुओं से
भरे हुए भंडार से खिलवाड़ करते। बूढ़ा कौवा हमेशा उन्हें धन्यवाद करता और उनकी मदद
करने के लिए बहुत खुश होता।
एक दिन बूढ़ा कौवा बहुत बीमार पड़ गया। उसकी सेहत खराब हो गई थी और वह उड़ने में
असमर्थ हो गया था। उसने गांव के बच्चों को बुलाया और कहा मेरी स्थिति बहुत खराब हो गई है और मैं अपने खुद को खाने के लिए नहीं ले जा
सकता। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?
गांव के बच्चे बहुत दुखी हुए और तत्परता से बूढ़े कौवे की देखभाल करने लगे।
उन्होंने उसे खाने की वस्तुएं लाकर दी, पानी दिया और सहायता की। वे बहुत
प्यार से बूढ़े कौवे की देखभाल करते रहे।
धीरे-धीरे बूढ़ा कौवा स्वस्थ होने लगा। उसकी पक्षियों में उड़ान फिर से वापस आ गई। उसने
गांव के बच्चों को धन्यवाद दिया और कहा तुमने मुझे बहुत खुशी दी है और
मेरी जान बचाई है। तुम सच्चे दोस्त हो और मैं तुम्हारी मदद के लिए हमेशा आभारी
रहूंगा।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे मित्रता और सहयोग से हम दूसरों की मदद कर सकते हैं और खुशियों का आनंद बांट सकते हैं।
अच्छाई की जीत -
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में दो मित्र रहते
थे। उनका नाम राजू और संजय था। वे दोनों बहुत प्यारे और मस्ती करने वाले थे। एक दिन वे दोस्त बाघ के पास घुमने गए। जब वे वहां पहुंचे तो वहां एक लड़ाई देखी गई। दो गांववाले गुरुजनों की बहुत खूबसूरत प्राणियों को
लड़ाते देखकर दुखी हुए। वे तुरंत वहां गए और लोगों को समझाने लगे कि अहिंसा की
महत्ता क्या होती है।
राजू और संजय ने गांव के लोगों को समझाने के लिए अपनी खूबसूरत प्राणियों को
लाए और उनसे प्यार और संबंध बढ़ाने के लिए उनकी देखभाल की। वे उनके बारे में बताने
लगे, उनके संरक्षण के तरीके सिखाए और उनकी सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया।
धीरे-धीरे लोगों की सोच बदलने लगी और उन्होंने यह समझा कि सभी प्राणियों का एक महत्व है
और उन्हें संरक्षित रखना आवश्यक है। वे अपनी भावनाओं में बदलाव लाए और बाघ की लड़ाई बंद हो गई।
राजू और संजय की यह कोशिश और समर्पण ने लोगों के दिलों में अच्छाई का बीज बो
डाला। उन्होंने दिखाया कि अच्छाई हमेशा जीतती है और अहिंसा और प्रेम से हम सभी को
एक साथ बांध सकते हैं।
समय की महिला -
एक समय की बात है, एक गांव में एक बहुत ही गरीब और निराश आदमी रहता था। उसे हमेशा समय की कमी महसूस होती थी और वह हर दिन आगे बढ़ने के लिए आगे कदम नहीं बढ़ा पाता था।
एक दिन, वह अपने दुखी मन को शांत करने के लिए एक संत के पास गया। संत ने उसे बताया कि समय को बहुत ही महानतम महिला माना जाता है और उसकी समझदारी और योग्यता को समय बहुत ही बड़ा धनी मानता है।
संत ने कहा कि तुम्हें समय को सही तरीके से उपयोग करना चाहिए और अपने काम में योग्य और समय की सहायता करने की नीयत से काम करना चाहिए।
उस गरीब आदमी ने संत के बात सुनी और उसकी सलाह पर चलते हुए अपने कामों में समय को सही तरीके से उपयोग किया। धीरे-धीरे, वह सफलता की ऊचाइयों को छूने लगा और उसकी दिनचर्या में सकारात्मक परिवर्तन हुआ।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि समय की महिला को समझना और समय का सही उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है।
आलसी खरगोश -
एक जंगल में एक आलसी खरगोश रहता था। वह हमेशा आराम करना चाहता था और दूसरे पशुओं की मदद नहीं करता था। वह बहुत ही मांदगी के साथ अपने दिनचर्या को बिताता था।
एक दिन जब जंगल में आग लग गई, तो सभी पशुओं ने वहां से दौड़ कर बाहर निकलने की कोशिश की। खरगोश भी चिंतित हो गया, लेकिन उसने सोचा कि वह दौड़ने के बजाय सीढ़ियों के माध्यम से ऊपर जा सकता है।
उसने सोच कर अपनी मदद नहीं की और अकेले ऊपर जाकर आराम कर लिया। दूसरे पशुओं ने बाहर निकलने के लिए बहुत मेहनत की और अपनी जानों की परवाह किए बिना बाहर निकल गए।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि आलसीता
हमारे लिए क्षतिकारक हो सकती है और हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए।
बंदर और मगरमच्छ -
एक जंगल में एक मगरमच्छ और एक बंदर रहते थे। वे दोनों अच्छे दोस्त थे और हमेशा मिल-जुलकर खेलते थे। एक दिन, जब वे जंगल के पास नदी में खेल रहे थे, तभी एक किड़ा उनके पास आया।
उस कीट ने दोनों को डरा दिया और उन्हें काटने की कोशिश की। बंदर और मगरमच्छ चिल्लाने लगे और मदद के लिए दौड़ने लगे। शूची हुई में सब्जे काटने के लिए मुड़ गयी और उन्हें देखकर दोनों खुश हो गए।
उन्होंने समझा कि मिल-जुलकर काम करने से हमें कठिनाइयों का सामना करना आसान हो जाता है और हमें अच्छी सफलता मिलती है।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मिल-जुलकर काम करना और एक दूसरे की मदद करना बहुत महत्वपूर्ण है।
बुद्धिमान कौवा -
एक गांव में एक बुद्धिमान कौवा रहता था। वह हमेशा अपने चाल-ढाल से अच्छी - बुरी समय की जानकारी करता था। एक दिन उसने देखा कि गांव के लोगों ने बहुत सारा खाद्य सामग्री बिखरा दी है।
उसे यह देखकर खुशी हुई कि अब उसे बड़ी मात्रा में खाने की सामग्री मिलेगी। लेकिन फिर उसने सोचा कि उसे एक ऐसा स्थान चुनना चाहिए जहां वह अकेले होकर खाना खा सके।
वह एक ऐसा स्थान चुना जहां सारे खाद्य सामग्री का खतरा नहीं था और वह खुशी-खुशी खाने बैठ गया। लेकिन उसे खुद को अकेला महसूस करते हुए अच्छा नहीं लगा।
वह फिर सोचा कि यदि उसने दूसरों को अपने खाने के बारे में बताया होता तो उन्हें सभी खाने में हिस्सा मिल सकता था और सबको मिल-जुलकर खाने में मज़ा आता।
उसने तुरंत सभी को अपने खाने के बारे में बताया और सबको अपने साथ खाने के लिए आमंत्रित किया। सभी लोग खुशी-खुशी उसके साथ खाने बैठ गए और वह सबको अच्छी समय बिताने का मौका देता रहा।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें सभी को मिल-जुलकर खुशी और समृद्धि में हिस्सा लेना चाहिए।
तीतर और कौवा -
एक बार एक तीतर और एक कौवा मित्र बन गए। वे हमेशा एक - दूसरे के साथ खेलते और उड़ते रहते थे। एक दिन जब दोस्त उड़ रहे थे तभी तीतर ने देखा कि उसके पंजे में कुछ दाग हो गए हैं।
उसने कौवे से पूछा कि क्या वह उसके पंजे को साफ कर सकता है। कौवा ने तुरंत हाथ बढ़ाया और उसके पंजे को साफ कर दिया। तीतर बहुत खुश हुआ और कौवे का धन्यवाद किया।
बाद में, जब कौवा के पंजे में दाग लगे, तब तीतर ने उसे साफ किया। दोनों मित्र बहुत खुश रहे और इसी तरह एक-दूसरे की मदद करते रहे।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे मित्रता में सहायता और उदारता
का एक महत्वपूर्ण भूमिका होता है।
गरीब किसान और अमीर व्यापारी -
एक गांव में एक गरीब किसान और एक अमीर व्यापारी रहते थे। व्यापारी को हमेशा पैसे कमाने की चिंता रहती थी और उसके पास बहुत सारी संपत्ति थी, जबकि किसान को मात्र अपनी खेती से रोजगार मिलता था, और उसके पास कुछ भी संपत्ति नहीं थी।
एक दिन, व्यापारी ने अपने घर के आसपास एक बड़ी खेती करने का फैसला किया। किसान ने उसे देखकर पूछा कि क्या वह उसकी मदद कर सकता है। व्यापारी ने हां कह दिया और वे दोनों मिलकर खेती में लग गए।
किसान ने अपनी मेहनत करके बहुत सारा फल और सब्जी उगाई और उसे व्यापारी को बेच दी। व्यापारी ने उससे उत्पादों के बहुत अच्छे मूल्य दिए और उसकी मदद से बहुत सारे पैसे कमाए।
व्यापारी ने समझा कि मिल-जुलकर काम करने से उसे अधिक लाभ हुआ और उसे अच्छा लगा। वह उसकी मदद के लिए हमेशा आभारी रहा और उसे साथ लाया।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि मिल - जुलकर काम करके हम सामूहिक रूप से अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
बब्बलू और उसकी बंदूक -
बब्बलू एक छोटा बच्चा था जिसे एक दिन उसकी दादी ने एक खेलकूद की बंदूक दी। बब्बलू ने खुशी-खुशी उसे पकड़ लिया और अपने दोस्तों के पास जाकर उसके साथ खेलने लगा।
उसके दोस्तों ने उसे देखकर भी उसकी खुशी को देखा और उन्होंने भी बंदूकें मांगी। जब सभी दोस्त बंदूकों के साथ खेलने लगे, तभी एक दिन बंदूक से एक दरार हो गई और बब्बलू की उंगली चोट लगी।
वह बहुत रोया और दुखी हुआ। उसकी मां ने उसे समझाया कि बंदूकें खेलने के लिए हानिकारक हो सकती हैं और हमेशा सुरक्षित रहना चाहिए।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें
खेलने के साथ-साथ सुरक्षित भी रहना चाहिए।
लोमड़ी और खरगोश -
एक बार एक लोमड़ी और एक खरगोश एक जंगल में रहते थे। वे बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक - दूसरे के साथ खेलते रहते थे।
एक दिन खरगोश ने अपने पैर चोट लगाई और वह चलने में असमर्थ हो गया। लोमड़ी ने उसकी मदद करने के लिए तत्परता से दौड़ा और उसे अपने पीठ पर बिठा लिया। इस तरह वे दोनों आगे बढ़े और खेलना जारी रख सके।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने मित्रों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
राजकुमारी का सपना -
एक राजकुमारी बहुत सपने देखती थी और एक दिन उसने अपने पिताजी से कहा कि वह गांव की गरीब बच्चों की मदद करना चाहती है।
उसके पिताजी ने उसे समझाया कि संसार में हर किसी को सहायता की ज़रूरत होती है और हमेशा दूसरों की मदद करना चाहिए।
राजकुमारी ने अपने पिताजी की सीख को मान्यता दी और उसने गरीब बच्चों की मदद की। उसका सपना साकार हुआ और उसे अपार खुशी मिली।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा दूसरों की मदद करना और साझा करना बहुत महत्वपूर्ण है।
नैतिक शिक्षा -
एक बार एक उच्चतम अदालत में एक मामला चल रहा था जिसमें दो पक्षी लड़ रहे थे। एक पक्षी ने दूसरे पक्षी के अंडे को छोटा कर दिया था। जज ने उन्हें समझाया कि अंडा छोटा करना नैतिकता के खिलाफ है और यह गलत है।
उसने उन्हें दोनों के बीच न्यायिक तालमेल बनाने को कहा और नैतिकता के महत्व को समझाया। पक्षी ने सचमुच अपनी गलती को स्वीकार किया और समझदारी से सबक सीखा।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें नैतिक मूल्यों को समझना और उनका पालन करना चाहिए।
प्यारे बच्चों आप सभी से मैं ये उम्मीद
करता हूँ की आप सभी को Short
Stories Hindi, आप सभी को जरूर पसंद आया होगा। अगर हाँ तो इसे अपने दोस्तों
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